Wednesday, January 13, 2010

जीवन का अर्थ समझे और यदि जीवन से प्रेम है तो वे बेकार में समय न गवाए

                  जीवन का अर्थ है समय जो जीवन से प्रेम करते है वे बेकार में समय नहीं गवाते , जीवन और गायत्री का विशेष योग है. गायत्री की सुपर शक्ति सविता में समाई है जबकि गायत्री का सार्वभौमिक सार्वजनिक आधार प्राणी मात्र की आत्मा में निहित है. सभी प्राणियों में मनुष्य इस धरना को अधिक अनुभव करता है > अतः सार्वभौमिक जगत में मनुष्य का दायित्व बढ़ जाता है. और  मनुष्य अपने जीवन के एक एक अंश का उपयोग करके ब्रह्मांडीय चेतना के उद्देश्य की पूर्ति कर सकता है> अतः जरुरी हो जाता है की वह जीवन का अर्थ समझे और यदि वह जीवन से प्रेम करते है तो वे बेकार में समय न गवाए >